Roza Rakhne Ki Dua

If you want to get information about ‘Roza Rakhne Ki Dua’ then you should read this post carefully. In this post, we have explained in detail about ‘Roza Rakhne Ki Dua’.

इस्लाम को मानने वाले हर एक शख्स को रोज़ा फ़र्ज़ है इसलिए हर मुस्लिम को साल में एक बार रोज़ा रखना पड़ता है। साल में एक बार आने के कारन कई लोग जब रोज़ा रखते है तब वो उसकी दुआ को भूल जाते है। कई लोगोंको दुआ को याद करने में परेशानी होती है इसलिए ये पोस्ट आपके लिए सब जानकारी उपलब्ध कराती है।

इस्लामी कैलेंडर के नौवे महीने को रमजान कहा जाता है। इसका इस्लाम के लोगों के लिए खास होता है। यह महीना रोज़े के लिए खास किया गया है। अल्लाह ने क़ुरान में अपने लोगोंको ये हुक्म दिया है की तुम लोगों पर रोज़ा फ़र्ज़ है। इसके अलावा कई हदीसो में रोज़ा रखने का जिक्र किया गया है। रोज़ा रखने से पहले उसकी दुआ करना जरूरी है। कई लोगोंको पता भी नहीं होता की कोनसी दुआ इसके लिए करनी चाहिए। तो आपको ज्यादा ढूंढने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने यहाँ पर उसको शेयर किया है।

Roza Rakhne Ki Dua

व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान

Wa bisawmi ghaddan nawaiytu min shahri ramadan

 हे, अल्लाह! मैंने तुम्हारे लिए रोज़ा रखा और मुझे तुम पर विश्वास है और मैंने तुम पर अपना भरोसा रखा है.

किन हालातो में रोज़ा रखने में छूट है?

हालाकि रोज़ा इस्लाम में पांच बुनियादी नियमो में से एक है जिसे अल्लाह ने इस्लाम को मानने वाले इंसानो के लिए फ़र्ज़ किया है, फिर भी कुछ हालत ऐसे भी जिसमे आपको रोज़ा न रखने की इजाजत दी गयी है। इसमें सबसे पहले प्रेग्नेंट महिला है। प्जब महिला बच्चे को जन्म देने वाली होती है तब उसका खास ख्याल रखना होता है और इस हालत में रोज़ा रखना बच्चा और माँ दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए प्रेगनेंट औरत को रोज़ा रखने में छूट है।

उस इंसान को बी रोज़ा न रखने की इजाजत है जो बीमारी के लपेट में आ गया हो। इस हालत में उसे रोज़ा रखने में दिक्कत होगी और उसका शरीर कमजोर हो जायेगा। इस वजह से उसने रोज़ा नहीं रखा तो भी चलेगा।

इसके अलावा जो औरत पीरियड्स के दौरान से गुजर रही हो उसको भी रोज़ा न रखने की इजाजत है। इसमें ये चीज का ध्यान रखे की उस औरत को जितने रोज़े छूटे है, उतने दिन के रोज़े बाद में करने होंगे। बाकि लोगोंको फिरसे रोज़े करने की जरूरत नहीं है।

रोज़ा किन हालत में नहीं टूटता?

कई बार लोगोंके सामने कई बातें आती है जिसमे बताय जाता है की इस चीज से रोज़ा टूट जायेगा। इनमे कुछ सही और कुछ बनायीं बातें होती है। चलिए जानते है की किन चीजों से रोज़ा नहीं टूटता।

जब इंसान ने रोज़ा रखा हो और वो भूल गया की उसने रोज़ा रखा है। ऐसी हालत में उसने कुछ खाया या फिर कुछ पिया तो उसका रोज़ा नहीं टूटेगा। अगर कहते समय उसे याद आगया की उसने रोज़ा रखा है, तो उसे तुरंत खाना बंद करना चाहिए वरना उसका रोज़ा टूट जायेगा।

जब इंसान नहाता हो तब उसके मुँह में अगर पानी चला गया तो उससे रोज़ा नहीं टूटेगा। पर अगर आपने जानते हुए पानी पिया तो आपका रोजा टूट जायेगा।

अगर आपको उलटी होती है तो इससे रोज़े को टुटा हुआ नहीं मन जायेगा। पर आपको जानबूजकर उलटी नहीं करना चाहिए।

अगर आप कण में या आंख में दवाई का इस्तेमाल किया तो आपका रोज़ा नहीं टूटेगा। अगर आपके शरीर से किसी वजह से खून निकलेगा तो आपका रोज़ा टूटेगा। इसके अलावा किसी खुशबु को सूंघने से रोज़ा नहीं टूटेगा।

अगर रोजे करते समय आप किसी तरह का म्यूजिक सुनते है या फिर नाचते है तो आपका रोज़ा नहीं माना जायेगा। अगर आप दन्त साफ़ करने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल करेंगे तू आपका रोआ टूट जायेगा। इसके अलावा किसी चीज को चबान या गीले कपडे पहनना इस कारण से रोज़ा टूट जायेगा।

FAQ

सेहरी के वक्त नींद आयी तो क्या करे?

Ans. सेहरी आप रोज़ा रखने से पहले और बाद में करनी होती है। अगर आप सेहरी के वक्त सोते रह गए तो आपको उस समय के बाद सेहरी नहीं करनी चाहिए। आपको वैसेही रोज़ा रखना होगा। आप रोज़ा ख़तम होने के बाद ही कुछ खा सकते है वरना रोज़ा टूट जायेगा।

क्या बिना सेहरी के रोज़ा रख सकते है?

Ans. अगर आप सेहरी करना भूल गए फिर भी आपको रोज़ा करना चाहिए। सेहरी नहीं की इस वजह से अगर आप रोज़ा नहीं करेंगे तो ये गुनाह माना जाता है। आप बिना सेहरी के भी रोज़ा रख सकते है। सेहरी के समय ख़तम होने बाद कुछ खाना मना किया है।

खजूर से सेहरी सुन्नत है?

Ans. अगर आप खजूर के साथ सेहरी करते है तो ये सुन्नत है। अगर आपके पास सेहरी करने के लिए खजूर नहीं है तो बिना खजूर के सेहरी नहीं हो सकती है। अल्लाह के हबीब ने खजूर से सेहरी करने पर जोर दिया है। हदीसो में बताय गया है की खजूर एक बेहतरीन सेहरी है।

सेहरी में क्या खाये?

Ans. पुरे रोज़ा के समय आपको कुछ खाना या पीना नहीं होता। इस समय आप पानी तक नहीं पी सकते। आपको जो खाना है वो आप सेहरी के समय में खा सकते है। अगर इसके बाद कुछ खाने की इच्छा हो तो न खाये। सेहरी में आप आपको जितना जरूरी है उतना खाना चाहिए। इसमें सबसे पहले पानी और खजूर को शामिल करना होगा। ये भी एक सुन्नत का हिस्सा है। खजूर खाने से आपको दिनभर कमजोरी महसूस नहीं होगी। इसके साथ में आप दूध और दही को ले सकते है जिससे आपको कैल्शियम मिलेगा। इसके साथ ही आप सेहरी में फल और सब्जी का इस्तेमाल कर सकते है।

Conclusion

इस्लाम में रमजान और रोज़े बोहोत ज्यादा जरूरी होता है। इसे हर उस इंसान पर फ़र्ज़ किया गया है जो इसको कर सकता हो। रोज़ा इस्लाम के पांच पिलर में से एक है। क़ुरान की आयतो और हदीसो में इसका जिक्र मिल जाता है।

रोज़ा हर बालिक शख्स को करना जरूरी है। पर कुछ लोगोंको इसकी छूट दी गयी है। ध्यान रखे की रोज़ा रखने के दौरान अगर किस कारण की वजह से आपके शरीर से खून निकलता है तो आपका रोज़ा टूट जायेगा। जो औरते प्रेग्नेंट और पीरियड्स के समय में है और बच्चे उनको रोज़ा रखने की छूट दी गयी है। औरतोंको जो रोज़े पीरियड्स के समय के दौरान रह गए थे, उन्हें फिर बाद में उनको करना होगा। इसके अलावा जो इंसान किसी बीमारी की हालत में है उसे रोज़ा रखने की कोई जरूरत नहीं है।

हमने इस आर्टिकल में रोज़ा रखने के लिए जो जानकारी चाहिए थी वो आपको बता दी है। अब आप इस पोस्ट की मदद से आसानी रोज़ा रख पाएंगे। अगर आप किसी कारण से इस दुआ को भूल गए तो फिरसे हमारी वेबसाइट को विजिट दीजिये। हमें आशा है हमने आपके जो भी रोज़ा से रिलेटेड सवाल थे उन सबके जवाब दिए है। अगर आपक कुछ और जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते है।

Leave a Comment